आयुर्वेदिक टिप्स –
संतुलित आहार: अपने खाने में मौसमी फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल करें। वात, पित्त और कफ दोष के अनुसार भोजन का चयन करें।
दिनचर्या: सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत करें। सुबह 6 से 7 बजे के बीच उठना अच्छा माना जाता है।
त्रिफला: यह एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन सुधारने, डिटॉक्सिफिकेशन और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है।
प्राणायाम और योग: रोजाना प्राणायाम और योग करने से आपका मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं। यह तनाव को भी कम करता है।
पर्याप्त जलपान: दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन थोड़ा गर्म पानी पीना बेहतर होता है। यह पाचन में मदद करता है।
अभ्यंग (मसाज): रोजाना तेल से मसाज करने से रक्त संचार सुधरता है और तनाव कम होता है।
अच्छी नींद: हर रात 7-8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हर्बल चाय: तुलसी, अदरक या कैमोमाइल जैसी हर्बल चाय का सेवन करें, यह इम्यूनिटी बढ़ाती हैं और पाचन में सुधार करती हैं।
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन: रोजाना मेडिटेशन करने से मन को शांति मिलती है और चिंता कम होती है।
सात्त्विक आहार: ऐसे भोजन का चयन करें जो ताजा और प्राकृतिक हो, जिसमें प्रिजर्वेटिव्स या आर्टिफिशियल इंग्रीडियंट्स न हों।
इन सुझावों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं।
शुगर (डायबिटीज) को प्रबंधित करने के लिए आयुर्वेद में कुछ प्रभावी उपाय हैं:
संतुलित आहार:
- साबुत अनाज (जैसे ज्वार, बाजरा) का सेवन करें।
- हरी सब्जियाँ और फल, विशेषकर गहरे रंग के फल जैसे जामुन और नींबू।
- शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों से बचें, और मीठे फलों का सेवन सीमित करें।
त्रिफला:
- त्रिफला का सेवन नियमित रूप से करें। यह पाचन को सुधारता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।
अदरक और दालचीनी:
- अदरक और दालचीनी का सेवन शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। आप इन्हें चाय में या भोजन में शामिल कर सकते हैं।
भोजन का समय:
- नियमित अंतराल पर छोटे भोजन करें। इससे रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद मिलती है।
तुलसी के पत्ते:
- सुबह खाली पेट तुलसी के 4-5 पत्ते चबाने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
योग और व्यायाम:
- रोजाना योग और व्यायाम करें। यह वजन को नियंत्रित करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाता है।
अभ्यंग (तेल मालिश):
- नियमित रूप से तेल से मालिश करने से रक्त संचार में सुधार होता है।
हर्बल चाय:
- बबूल की छाल या कडवी जड़ी बूटियों की चाय पीने से भी लाभ होता है।
तनाव प्रबंधन:
- ध्यान और प्राणायाम से तनाव को नियंत्रित करें, क्योंकि तनाव से रक्त शर्करा बढ़ सकती है।
इन उपायों के साथ, नियमित चिकित्सकीय जांच भी आवश्यक है। किसी भी बदलाव से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
बढ़ें हुए ब्लड प्रेशर (BP) को नियंत्रित करने के लिए कुछ घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव काफी कारगर साबित हो सकते हैं:
1. तुलसी और नीम के पत्ते:
सुबह खाली पेट 5 तुलसी और 2 नीम के पत्ते चबाएं। ये हृदय को स्वस्थ रखते हैं और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
2. लहसुन:
रोजाना एक या दो कच्ची लहसुन की कलियाँ खाएं। लहसुन का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
3. मेथी के बीज:
एक चम्मच मेथी के बीज रात में पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसमें फाइबर की मात्रा होती है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
4. ताज़ा आंवला का रस:
आंवला में विटामिन C होता है, जो हृदय के लिए फायदेमंद है। रोजाना ताज़ा आंवला का रस पिएं या आंवला पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन करें।
5. संतुलित आहार:
नमक का सेवन कम करें, और पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे केला, पालक और टमाटर शामिल करें। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार BP नियंत्रित करने में मदद करता है।
6. सेब का सिरका और शहद:
एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सुबह सेवन करें।
7. गहरी सांस लेने के अभ्यास:
रोजाना 5-10 मिनट तक प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम और गहरी सांस लेने के अभ्यास करें। इससे तनाव कम होता है और ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
8. दूध और दही का सेवन:
कैल्शियम युक्त दूध और दही का सेवन BP नियंत्रित करने में सहायक है।